पंडितों ने ये नोट लेने से इन्कार कर दिया जिस पर बवाल मच गया। झांसी के पंडित जितेंद्र शास्त्री ने कहा कि इन्कार करने पर उनको जबरन पुराने नोट थमा दिए गए। उन्होंने बताया पुरानी करेंसी लेकर जब स्टेशन पहुंचे तो रेलवे स्टॉफ ने टिकट देने से भी इन्कार कर दिया।
करीब 1460 पंडित आयोजन में पहुंचे। नौ दिन तक तक चले इस महायज्ञ में राज्यपाल से लेकर अनेक मंत्री व विधायकों ने भाग लिया। सोमवार को समापन के बाद सभी पंडितों को दक्षिणा में 3500-3500 रुपये में एक हजार और 500 के पुराने नोट थमा दिए।
धार्मिक कार्यक्रम में बाहर से बुलाए गए पंडितों का पूरा मान-सम्मान किया गया। उन्हें एक हजार व पांच सौ के नोटों के अलावा किराये के लिए खुले पैसे भी दिए थे।
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