दरअसल मशहूर वर्जीनिया पॉलिटेक्निक और स्टेट यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने एक नई बायोबैटरी की अभिकल्पना तैयार की है। जो भार के अनुपात में ज्यादा सक्षम है। खास बात तो यह है की इसकी क्षमता अधिकांश इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में इस्तेमाल होने वाले लीथियम आयन बैटरी के मुकाबले कहीं ज्यादा है। इस बैटरी का पर्यावरण पर कोई खतरा भी नहीं है जैसे की और इउम बैटरी का होता है। इस बैटरी की खास बात यह है की यह चीनी से चलती है। यह बायो बैटरी चीनी को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित कर सकती है।

यह ठीक हमारे चयापचय की तरह काम करती है और इलेक्ट्रॉन उत्पन  करते हुए चीनी को कार्बन डाइऑक्साइड और पानी में बदल देती है। इस खोज का अनुसंधान झिगुआंग झू  द्वारा करा गया है। यह बैटरी भविष्य मैं काफी प्रसिद्ध होने वाली है और अनुमान लगाया गया है की बायोबैटरी जल्द ही बाजार मैं दिखेगी। झिगुआंग झू ने कहा कि लीथियम आयन बैटरी आपके फोन में केवल एक दिन काम कर सकता है। भविष्य में इसमें चीनी का प्रयोग ईंधन के रूप में होगा और लिथियम आयन की जगह यह बहुत अच्छा काम करेगी। यह आम लीथियम आयन बैटरियों के मुकाबले अधिक चार्ज हो सकेगी।

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