गले के पास स्थित कैरोटेड ऑर्टरी से दिमाग के सेरेब्रल के बीच नस जोड़ने जोड़ने के लिए गले और दिमाग के अंदर एक पतली सुरंग अलग से बनाई गई। निदेशक प्रो.राकेश कपूर ने इस सर्जरी के स्थापित होने पर विभाग के विशेषज्ञों को बधाई देते हुए कहा कि संस्थान ने न्यूरोसर्जरी मेडिकल साइंस के क्षेत्र में नया आयाम स्थापित किया है।
विशेषज्ञों ने बताया कि गले के दोनों तरफ कैरोटेड ऑर्टरी होती है जिससे दिमाग के दोनों हिस्सों में खून जाता है। यह ऑर्टरी दिमाग के अंदर एक नस से जुड़ी होती है। कई बार एक ऑर्टरी में रुकावट आने पर दूसरी ऑर्टरी से दिमाग को खून की सप्लाई होने लगती है।
इस स्थिति को बहाल करने की कोशिश भी की गई, लेकिन एन्यूरिच्म की सतह पतली होने के कारण बैलून आक्लेजन टेस्ट नहीं हो पाया। ऐसे में इलाज का दूसरा विकल्प तलाशने की कोशिश की गई जिसमें बाईपास की तकनीक अपनाई गई।