इसलिए यहां पर शादी के लिए लड़कीयों को लड़के नहीं मिल पाते हैं और लड़कियों की प्यास मिट नहीं पाती है। इस गांव में तकरीबन 20 से 35 साल की महिलाएं ज्यादा होती हैं। इस गांव में कुछ महिलाएं शादीशुदा तो हैं लेकिन उनके पति काम के सिलसिले में अधिकतर बाहर ही रहते हैं और इसलिए उनकी प्यास भी अच्छी तरह से नहीं बुझ पाती है।
इस गांव की लड़कियों की चाहत है कि उनकी शादी के बाद अगर बाहर का लड़का हो तो वह यहीं हमारे पास आकर रहे और गांव के नियम कायदे सीखे। बताया जाता है कि लड़के और लड़कियों के जन्मदर में असमानता की वजह से ही इस कस्बे में समस्या पैदा हुई है।
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