मीका हॉलंडर जी कि इस कंपनी की सह संस्थापक हाँ, ने बताया, ‘सस्टेन कॉन्डम में प्रयुक्त लैटेक्स दक्षिण भारत में पैदा होने वाले रबड़ से बना है।’ आमतौर पर लोग अपने खाने और मेकअप में प्रयुक्त सामग्री को लेकर सचेत होते हैं लेकिन कॉन्डम जैसे प्रॉडक्ट्स को लेकर वे सचेत नहीं होते, जिसका इस्तेमाल हमारे शरीर के सबसे अंतरंग हिस्से में होता है।

आगे बताते हुए मीका कहती हैं कि दूसरे ब्रैंड के कॉन्डम के साथ साथ मेकअप के सामान में नाइट्रोसमीन को भी मिलाया जा है जिससे कैंसर जैसी बड़ी बीमारी पैदा हो सकती है। इसलिए सस्टेन कॉन्डम में नाइट्रोसमीन का इस्तमाल नहीं किया गया है। इस्तेमाल के बाद फेंके जाने से यह माहौल को विषाक्त नहीं करेगा। जिसके कारण यदि इसे इस्तमाल करने के बाद फेंक भी दिया जाएगा तो इसका असर पर्यावरण में नहीं पड़ेगा।

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