अक्सर ऐसी शिकायतें सामने आती हैं जिनमें महीनों या सालों तक प्यार में रहते हुए युवतियां यौन संबंध बनाती हैं और फिर जब रिश्तें में खटास आती है तो वो अपने प्रेमी या पूर्व प्रेमी पर दुष्कर्म का आरोप लगाने लगती हैं। अदालत ने रिमार्क किया कि जब कोई युवती इस तरह की शिकायत के साथ पुलिस के पास पहुंचती है तो कानून के अनुसार पुलिस को कार्रवाई करने की जरूरत है।
कोर्ट ने इस दौरान यह भी कहा कि अविवाहित जोड़ें के बीच सहमति से बने यौन संबंध गलत नहीं हैं और हाल में कुछ कानूनों ने इसे मान्यता दी है। बेंच ने कहा कि लेजिस्लेशन ने इस तरह के रिश्तों को घरेलू हिंसा एक्ट के तहत लिवइन रिलेशन का नाम दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस तरह के मामलों में जांच एजेंसियों को एक बार सोचना चाहिए कि वो कैसे इनसे निपटेगीं।