रेलवे कर्मचारी संघ के नेताओं का कहना है कि 2014 में पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद कर्मचारियों ने अपनी प्रस्तावित हड़ताल को वापस लिया था ताकि नई सरकार को काम करने का कुछ समय दिया जा सके ताकि वह कर्मचारियों की समस्याओं पर ध्यान देकर उनका निराकरण कर सके। लेकिन सरकार ने 22 अगस्त 2014 को नोटिफिकेशन जारी कर रक्षा क्षेत्र और रेलवे में 100 फीसदी विदेशी निवेश को मंजूरी दे दी। कर्मचारियों का आरोप है कि बीबेक देव रॉय की अध्यक्षता में बनी समिति ने विदेशी निवेश को मंजूरी देने का सुझाव दिया था जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया है। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि सरकार ने रेलवे में सुधार के लिए यह सुझाव कर्मचारियों के विरोध के बावजूद स्वीकार किया।
इसी के साथ रेलवे के कर्मचारी नेताओं का आरोप है कि रेलवे बोर्ड ने हाल में आदेश जारी कर ट्रेड यूनियन के अधिकारों में कटौती की है। 2 फरवरी 2017 को जो सर्कुलर रेलवे यूनियन एआईआरएफ ने जारी किया उसके अनुसार रेलवे यूनियन ने अपने सदस्यों ने काला दिवस मनाने का आह्वान किया है।