न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रस्ताव पर काम कर रहे डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकारों का मानना है कि मुस्लिम ब्रदरहुड के एक उग्र संगठन चोरी-छिपे अमेरिका में घुसपैठ बना ली है जिससे वहां शरियत कानून की मांग को मजबूत किया जा सके। ट्रंप के इन सलाहकारों के मुताबिक अब इनके खिलाफ कड़े कदम उठाने का वक्त आ गया है।

 

 

मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात के कुछ नेताओं ने अपने अंदरूनी विरोधियों को काबू करने के लिए डोनाल्ड ट्रंप से मुस्लिम ब्रदरहुड पर लगाम लगाने की अपील की है। लेकिन अगर ट्रंप प्रशासन मुस्लिम ब्रदरहुड को आतंकी संगठन घोषित कर देता है तो उनके सामने बड़ी चुनौती ये होगी कि ऐसा करने से खाड़ी देशों से उसका रिश्ता बेहद खराब हो जाएगा।

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