पिछले 5 सालाों में दोनों देशों के बीच 3 खरब रुपयों से अधिक की सैन्य तकनीक, हथियार और उपकरणों की खरीद हो चुकी है। इसके लिए 810 लाइसेंस जारी किए गए। ज्यादातर लाइसेंस एयरोस्पेस सिस्टम विकसित करने और जमीन पर चलने वाले वाहनों की खरीद से जुड़े थे। इस बदली हुई व्यवस्था को भारतीय हितों के लिए काफी अच्छा माना जा रहा है। बेंजामिन ने बताया, “भारतीय कंपनियों के लिए यह बेहद सकारात्मक फैसला है। डिफेंस सेक्टर में बिजनस कर रही भारतीय कंपनियों के लिए कारोबार ज्यादा आसान हो जाएगा। ऐसी भारतीय कंपनियां जो कि अमेरिकन कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रही हैं, उन्हें ज्यादा फायदा होगा। “
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