देवदूत ने जिज्ञासा पूर्वक ईश्वर से पुनः प्रश्न करते हुए कहा, ‘स्त्री कितनी भी मजबूत हो लेकिन पुरुष से तो कमजोर है? ईश्वर ने कहा, ‘स्त्री की ताकत उसके आंसू हैं।’ देवदूत ने पूछा, ‘वह कैसे? तब ईश्वर ने बहुत ही सुंदर उत्तर देते हुए कहा, जब स्त्री रोती है तो, वह स्वंय को ही कमजोर समझती है। लेकिन इन्हीं आंसुओं से स्त्री को वो ताकत मिलती है, जिससे वह बड़ी से बड़ी मिश्किलों को हरा सकती है।
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