नार्थ इस्टर्न यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विलियम्स हॉब और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के प्रोफेसर जेम्स फोलर के नेतृत्व वाले शोध में कहा गया है कि लोगों की हेल्थ और सोशल मीडिया अकाउंट्स के बीच संबंध है।
शोध में पाया गया कि जो लोग नियमित रूप से सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं, वे इसका इस्तेमाल नहीं करने वालों से अधिक जीते हैं। इस शोध में इस बात की पुष्टि की गई है कि जिन लोगों का मजबूत सामाजिक दायरा होता है यानी जिनके अधिक दोस्त होते हैं, वे लंबी उम्र तक जीते हैं। यही बात ऑनलाइन सामाजिक दायरा रखने वाले लोगों पर भी लागू होती है। वैज्ञानिक इस नतीजे पर निकले मनुष्य के स्वास्थ्य और फेसबुक रिक्वेस्ट (जो कि उसके द्वारा भेजे और स्वीकार किए गए) के बीच कोई संबंध नहीं है। शोध पत्र में माना गया है कि शोध की कई सीमाएं हैं, क्योंकि फेसबुक बाकी सोशल मीडिया वेबसाइट्स से अलग है और यही कारण है कि यह शोध डेटा को मौटे तौर पर लागू नहीं होता है। पेपर में इस बात के कोई सबूत नहीं है कि फेसबुक सीधे मनुष्य की हेल्थ पर प्रभाव डालता है।