लखनऊ के केजीएमयू (किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी) के आर्थोपेडिक विभाग के वरिष्ठ डॉ. अजय सिंह से बात बताते हैं, मरीजों को डॉक्टर की सलाह पर दवा लेनी चाहिए। इसकी दवा लंबे समय तक चलती है, जिसे बीच में ब्रेक नहीं करना चाहिए। इस बीच योगा का भी सहारा लेना चाहिए।
केजीएमयू के आर्थोपेडिक विभाग ने अर्थराइटिस का सीधा प्रभाव कम करने के संबंध में एक शोध किया। इसमें घुटने की तकलीफ से पीड़ित 159 मरीजों को लिया गया, उन्हें 2 ग्रुप में बांट दिया गया। एक ग्रुप के मरीजों को स्टैंडर्ड दवा दी गई, जबकि दूसरे ग्रुप को दवा के साथ योग भी कराया गया। इस दौरान यह पाया गया कि केवल दवा लेने वाले मरीजों में इंटरलेक्यूकिन द्रव्य अधिक पाया गया। जबकि दवा और योग वाले मरीजों में 3 से 6 महीने के दौरान यह द्रव्य की मात्रा काफी कम पाई गई।