कमल नाम के इस शख्स को लड़की के परिजनों ने उसे कड़कड़ाती ठंड में पिलर से बांधकर रखा। सुबह छह बजे सवेरा होते ही कमल की धुनाई शुरू हो गई। गांव के लोगों ने लात-जूते से कमल को बेरहमी से पीटा। दर्द के मारे वह कराहता रहा, लोगों से छोड़ देने की मिन्नतें करता रहा। गांव के लोग पीटकर हटे ही थे कि लड़की के घर की महिलाएं जुट गईं। बेरहमी से पीटने के मामले में महिलाएं पुरुषों से दो कदम आगे निकलीं। घंटों तक हुई बेरहमी से पिटाई का दर्द सहते सहते कमल बेहोश हो गया। मार खाते खाते वह मर न जाए इस डर से गांव के लोगों ने पिटना बंद कर दिया। सूचना मिलने पर पुलिस आई और कमल को अपनी कस्टडी में ले लिया। पुलिस का कहना है कि लड़के का मेडिकल कराया जाएगा।