रूबीना और जीतेन्द्र ने एक फुलप्रूफ योजना बनाई जिसमें बड़े तरीके से जावेद को ठिकाने लगाने और जमीन में दफन कर अपराध से साफ बच जाने का तरीका सोचा। पुलिस ने बताया कि जीतेन्द्र ने फोन करके जावेद को दौरिया बुलाया।

उसके बुलाने पर जब जावेद अपने घर वालों को बिना बताए 30 दिसंबर को दौरिया आया तो उसके साथ जीतेन्द्र ने जाकर पहले सांझा चूल्हा नौगांव में बैठकर दारू मुर्गा की दाबत उड़ाई जब नशा अधिक हो गया तो जीतेन्द्र बातों में उलझाकर जावेद को सांझा चूल्हा ढाबे की बाउंड्री के अंदर ले गया। यहां उसने जावेद को गोली मारकर ढेर कर दिया और दौरिया लौट आया। 31 दिसंबर की सुबह दौरिया से एक गेंती लेकर वापस घटना स्थल पर पहुंचा और वहीं ढाई फिट गढ्डा खोदकर जावेद को उसमें दफन कर दिया।

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