सीओ ने बताया कि गांवड़ी परतापुर मेरठ निवासी नीटू (30) बेगमाबाद गांव में पत्नी आशा के साथ रहता था। 2012 में नीटू का छोटा भाई नीरज बहनोई मनोज निवासी मेरठ के मर्डर के मामले में जेल गया था।
2015 में नीटू ने ही पैरवी करके नीरज की जमानत कराई और उसे अपने घर बेगमाबाद ले आया। दोनों चिनाई मिस्त्री का काम करते थे। इसी बीच नीरज के नीटू की पत्नी आशा के बीच संबंध हो गए। डेढ़ माह पहले नीटू को दोनों के संबंधों का पता चला तो उसने नीरज को गांवड़ी गांव भेज दिया और आशा के साथ मारपीट की। शनिवार सुबह नीरज बेगमाबाद आया और आशा से मिलकर नीटू को खत्म करने की साजिश रची। रविवार तड़के करीब 4:30 बजे नीटू सो रहा था, तभी नीरज ने सिलबट्टे से उसकी गर्दन, सीने और माथे पर ताबड़तोड़ वार किए।
नीरज नीटू की गर्दन पर पैर रखकर तब तक खड़ा रहा, जब तक नीटू ने दम नहीं तोड़ दिया। हत्या के बाद आशा के साथ मिलकर उसने शव को एक प्लास्टिक के ड्रम में रखा और ऊपर से कपड़ा बांध दिया। नीरज साइकिल पर ड्रम को बांधते हुए कादराबाद से गांवड़ी की ओर जाने वाले रास्ते पर पहुंचा, जहां उसने नीटू का शव दफना दिया। इसके बाद वह दोबारा कादराबाद पहुंचा और शव पर एक बोरी नमक डालकर आया। इस मामले में मृतक के पिता इतवारी ने रिपोर्ट दर्ज कराई है।