बृहस्पतिवार को गवाहों के साथ अपर शासकीय अधिवक्ता त्रिलोकी चंद्र केशरवानी के साथ बचाव पक्ष के अधिवक्ता की दलील सुनने के बाद अदालत ने दुराचारी रामहित को दस साल कैद की सजा सुनाई। साथ की 17 हजार रुपये अर्थदंड चुकता करने का आदेश दिया। अर्थदंड की भरपाई नहीं करने पर आरोपी को छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी पडे़गी।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक करारी कोतवाली इलाके के एक गांव की रहने वाली युवती 27 जुलाई 2010 की रात घर पर अंधे भाई के साथ सोई हुई थी। पिता कमाई करने के लिए इलाहाबाद गया था। रात दीवार फांदकर पड़ोस का रहने वाला रामहित पहुंचा और युवती को कमरे में उठा ले गया। इसके बाद तमंचे की नोक पर उसकी अस्मत लूट ली। दरिंदगी के बाद दुराचारी कहीं भी शिकायत पर जान से मारने की धमकी देते हुए भाग निकला।

 

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