तब उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था। मामले की सुनवाई करते शनिवार को विशेष अपर सत्र न्यायालय व फास्ट ट्रैक कोर्ट दंतेवाड़ा ने आरोपी को तीनों धाराओं पर साथ-साथ चलने वाली सात साल की सजा और 500 रुपए का अर्थदंड आरोपित किया है। न्यायाधीश धनेश्वरी सिदार ने पाया कि पीड़िता नाबालिग है और उसे बहलाकर आरोपी अपने घर ले गया और उसके साथ अनाचार किया है।
आरोपी को भादंवि की धारा 363, 366 (क), 376 और धारा 3,4 लैगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत अपराधी पाते सात साल की सजा और 500 रुपए का अर्थदंड लगाया है। साथ ही न्यायालय ने कहा कि अर्थदंड नहीं जमा करने पर दो-दो माह की अतिरिक्त सजा भी होगी।
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