पीड़िता ने आरोप लगाया कि थाने में पुलिसकर्मियों ने उसकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया और थाने में मौजूद ड्यूटी अधिकारी ने उसका मेडिकल करवाने से इन्कार कर दिया। ड्यूटी अधिकारी ने कहा कि आज थाना प्रभारी छुट्टी पर हैं, अगले दिन आना। महिला का कहना है कि वह अगले दिन 30 सितंबर को दोबारा थाने पहुंची तो उसे फिर यह कहते हुए बाहर निकाल दिया गया कि दुष्कर्म हुआ ही नहीं है। वह झूठी शिकायत कर रही है।
इसके बाद महिला ने चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (सीजेएम) राणा कंवरदीप कौर की अदालत का दरवाजा खटखटाया। अदालत ने फौरी कार्रवाई करते हुए तरनतारन के सिविल अस्पताल के सीनियर मेडिकल अधिकारी को आदेश दिया कि पीडि़ता का मेडिकल करवाया जाए।
पुलिस थाने में आई शिकायत की जांच कर केस दर्ज किया जाता है। ऐसा नहीं है कि दुष्कर्म के मामले में कार्रवाई में लापरवाही बरती गई। फिर भी मामले की जांच होगी और यदि जांच में कोई पुलिसकर्मी आरोपी पाया जाएगा तो उसके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी।