इधर, नाबालिग के परिजन और नगर थाने की पुलिस चतुर्भुज स्थान शुक्ला रोड में उस मकान का पता लगाने गई। लेकिन, नाबालिग मकान को पहचान नहीं पाई। बाद में उसने पुलिस को बनारस बैंक चौक के पास किसी मकान में रखा गया था। उसके बाद पुलिस ने बनारस बैंक चौक इलाके में छापेमारी शुरू कर दी।
उसके भाई ने बताया कि वे तीन दिनों से उसकी तलाश कर रहे थे। अभी वह घबराई हुई है। इसलिए उस मकान का पता नहीं बता पा रही है, जहां उसे कैद किया गया था। नाबालिग के बदलते बयान से अधिकारी भी उलझ गए हैं। देर शाम तक स्थानीय वार्ड पार्षद केपी पप्पू, सामाजिक कार्यकर्ता रेयाज अंसारी समेत कई लोग थाने पर जमे रहे।