अदालत ने लगभग अपने 160 पृष्ठ के आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में सफल रहा कि मृतका को अंतिम बार दोषियों के साथ देखा गया था। इससे साफ है कि उन्हें मामले में झूठा नहीं फंसाया गया। जबकि दोषियों की तरफ से बचाव पक्ष ने रहम की अपील की थी।

आरोपियों ने अपने बयानों में बताया था कि वह दलप्रीत सिंह (22), कमल सिंह (29), रजत बेनीवाल (21) व लड़की 18 अक्टूबर 2014 को कार में सबसे पहले एक पार्टी में गए, जहां सब ने ड्रग्स ली और शराब पी। लड़की इस दौरान नशे के ओवरडोज के कारण बेहोश हो गई। इसके बाद उसकी मौत हो गई। जैसे ही तीनों को पता चला कि युवती की मौत हो चुकी है तो उन्होंने मिलकर उसे एक कपड़े में लपेटकर वह राजपुरा रोड के शंभू बैरियर के नाले में फेंक दिया।

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