भाभी की बहन से इश्क लड़ाना पड़ गया भारी

आनन फानन में पंडित को बुलाया गया और गांव के मंदिर में  ही शादी करा दी गई । बिना लगन और बिना बाराती के दोनों की शादी हुई । करवा चौथ की शाम जब सुहागिन महिलाएं चांद का दीदार कर अपने पति की लंबी उम्र की दुआएं कर ही थीं, यह जोड़ा सात फेरे ले रहा था।

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