उसने पहले तो बालिका को डफरिन में भर्ती करने से ही नकार किया। पुलिस के आग्रह पर बालिका को आठ टांके लगाने के बाद उस डॉक्टर ने परिजनों और पुलिस से कहा कि लड़की को यहां से एसआरएन अस्पताल ले जाओ वरना उसे बाहर फेंक दिया जाएगा। यह सुनकर बच्ची के माता-पिता रोने लगे। वे डॉक्टर से हाथ जोड़कर बेटी का इलाज करने की मिन्नत करने लगे।
इंस्पेक्टर अतरसुइया ने एसपी सिटी को फोन से बताया तो उन्होंने सीएमओ से बात की और उनसे कहा कि बच्ची को रात भर डफरिन में रखा जाए वरना दूसरे अस्पताल ले जाते वक्त टांके टूटने पर उसकी हालत और खराब हो सकती है। सीएमओ ने आदेश किया तब जाकर महिला डॉक्टर ने बच्ची को भर्ती किया मगर परिजनों को खरी-खोटी सुनाती रही। एसपी सिटी विपिन टाडा ने बताया कि डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई के लिए रिपोर्ट अफसरों को भेजी जाएगी।