8. जब प्रभु राम की मृत्यु का अर्थ हनुमान जी को समझाना पड़ा
प्रभु राम जानते थे कि उनकी मृत्यु को हनुमानी स्वीकार नहीं कर पाएंगे और इस कारण से कहीं वह धरती पर उथल-पुथल न मचा दें । इससे बचने के लिए उन्होंने ब्रह्मा जी का सहारा लिया और हनुमान जी को शांत रखने के लिए उन्हें पाताल लोक भेज दिया था ।
9. जब ह्रदय में प्रकट राम और सीता
माता सीता ने प्रेम वश एक बार हनुमान जी को एक बहुत ही कीमती सोने का हार भेंट में देने की सोची लेकिन हनुमान जी ने इसे लेने से माना कर दिया । इस बात से माता सीता गुस्सा हो गईं तब हनुमानजी ने अपनी छाती चीर का उन्हें उसे बसी उनकी प्रभु राम की छवि दिखाई और कहा कि उनके लिए इससे ज्यादा कुछ अनमोल नहीं है ।
10. 108 नामों में है जीवन का सार
हनुमान जी के संस्कृति में 108 नाम हैं और हर नाम का मतलब उनके जीवन के अध्ययों का सार बताता है ।