दीपज्योति: परब्रह्म:
दीपज्योति: जनार्दन:
दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नमोस्तुते…
शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखं सम्पदां
शत्रुवृद्धि विनाशं च दीपज्योति: नमोस्तुति…
दीपक की लौ पश्चिम दिशा की ओर रखने से दु:ख बढ़ता है।
दीपक की लौ उत्तर दिशा की ओर रखने से धनलाभ होता है। किसी शुभ कार्य से पहले दीपक जलाते समय इस मंत्र का जप करने से शीघ्र ही सफलता मिलती है