मामले की पुष्टि करते हुए बथनाहा फोरेस्टर हेमचंद मिश्रा ने बताया कि बंदर ने तबाही मचा रखी थी और डेढ़ सौ से ज्यादा लोगो को काट रखा था। इसके अलावा महिलाओं से छेड़खानी की शिकायत मिल रही थी। इसके बाद बंदर को पटना वन विभाग की टीम की मदद से पकड़ उसे बेतिया के जंगल मे छोड़ दिया गया।
पटना वन विभाग की टीम ने ट्रेंक्यूलाइजर गन के द्वारा नशे के टेबलेट से बंदर को घायल किया और उसके बाद उसे बिहार के बेतिया के घने जंगल मे छोड़ दिया। पटना टीम में एक पदाधिकारी, एक चिकित्सक और एक शिकारी मौजूद थे। टीम का कहना था कि बंदर पूर्व में पालतू होने और किसी फैमिली में रहते हुए परिवारिक औरतों के साथ छेड़खानी की उसमें प्रवृत्ति आने की आशंका से इंकार नही किया जा सकता।
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