सबसे खास बात ये है कि बंदर किसान के दिये भोजन को नहीं खाता है। हालांकि, जब बकरियां मैदानों में चरने के लिए जाती हैं, तो वह भी उनके साथ जाता है। किसान के मुताबिक, उसने कई बार बंदर को केले खिलाने की कोशिश की, लेकिन वह किसी तरह का भोजन नहीं लेता है। वह बंदर सिर्फ़ अपनी मां के हाथों से खाना खाता है।

बहरहाल, भले ही वह बंदर अपने नए परिवार के साथ सुरक्षित और बेहतर महसूस कर रहा हो, लेकिन उसे जल्द ही इस परिवार से अलग होना पड़ेगा। स्थानीय वन्यजीव सुरक्षा अधिकारी के मुताबिक, सबसे पहले उस बंदर को चिड़ियाघर में रखा जाएगा।

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