उस घोंसले में कौए के बच्चे थे। तभी पीछे से कौआ आया और उस बाज़ के सिर पर वार करने लगा। कई बार तो ऐसा हुआ कि कौआ अपने पंज़ों से बाज़ को पकड़ कर उठाने की कोशिश करता दिखा।
और कई बार बाज़ पर अपने पंजो से वार करता, तो कभी अपनी नोकीली चोंच उसके सिर पर मारता। इन सब के बावजूद बाज़ एक बार भी अपनी जगह से नहीं हिला, लेकिन थोड़ी देर बाद वहां से उड़ गया।