कहते हैं कि इंसान अपना भाग्य का निर्माता खुद होता हैं, ये कहावत डा. अभिषेक भराड पर फिट बैठती हैं। महाराष्ट्र के अभिषेक पर देश में ऐसे युवाओं की बड़ी संख्या है, जो विदेशों में जाकर नौकरी करने का सपना देखते हैं।अपने बलबूते पर, बुलढाणा जैसी छोटी सी जगह से ताल्लूक रखने वाले इस शख्स ने युवाओं को ऐसी प्रेरणा दी है कि इलाके का हर युवा इनकी तरह बनना चाहता है।
डा. अभिषेक भराड पर महाराष्ट्र के अभिषेक अपने बलबूते पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक-इन-इंडिया के सपने को साकार कर रहे हैं। देश में ऐसे युवाओं की बड़ी संख्या है जो विदेशों में जाकर नौकरी करने का सपना देखते हैं, लेकिन अभिषेक अपने विदेश की नौकरी छोड़कर वापस अपने देश आ गए और खेती करने लगे।
युवा वैज्ञानिक अभिषेक ने अमेरिका की नौकरी छोड़कर अपने गांव आ गए और खेती के साथ-साथ बकरी पालने लगे। आज की तारीख में अभिषेक बकरी पालन से लाखों कमा रहे हैं और साथ ही हजारों किसानों को दिशा भी दिखा रहे हैं यही नहीं उनके इस सफलता कि किस्से चारो तरफ फैल गए हैं।