नसबंदी के बाद महिला बेफिक्र थी, फिर भी हो गई प्रेग्नेंट, मांगा हर्जाना , दुर्ग में नसबंदी के बाद भी तीसरा बच्चा होने से उसके पालन पोषण को लेकर परेशान दंपती ने मंगलवार को कलेक्टर जनदर्शन में चौथी बार गुहार लगाई। दंपती ने कलेक्टर को बताया कि वे इससे पहले तीन बार जनदर्शन में आवेदन कर चुके हैं। दंपती ने मुआवजा राशि जल्द दिलाने की मांग की है।
महिला ने कहा है कि वे इतने समक्ष नहीं है कि तीन बच्चों का पालन पोषण कर सकें। अब मेरी तीसरी संतान की जिम्मेदारी कौन लेगा? महिला ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा मुआवजा राशि प्रदान की जाए। ताकि तीसरी संतान का पालन पोषण हो सके। महिला ने बताया कि मुआवजा राशि की मांग को लेकर जिला अस्पताल, सुपेला अस्पताल का भी चक्कर काट चुके हैं। महिला का पति मजदूरी का काम करता है।
कलेक्टर जनदर्शन में दिए आवेदन में स्टेशन मरोदा निवासी कविता पति सूरज टंडन ने बताया है कि दो बच्चे के बाद उसने 27 जुलाई 2015 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उतई में नसबंदी में कराई, लेकिन दो अगस्त 2016 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उतई में प्रसूति जांच में पता चला कि वह मां बनने वाली है। डॉक्टरों की लापरवाही के कारण नसबंदी फेल हो गया और एक मार्च 2017 को बच्चे का जन्म हुआ।