आज तक आप कई होटल में गए होंगे लेकिन क्या कभी ऐसा रेस्त्रां देखा है जहां काम करने वाले सारे लोग भुलक्कड़ हैं, क्यों हो गए ना हैरान जी हां इस होटल में सारे लोगों को भूलने की बीमरी हैं।
सोचिये आप किसी रेस्त्रां में जायें और खाने के लिये कुछ आर्डर करें। थोड़ी देर बाद एक वेटर आये और जो आपने आर्डर दिया था, उसके बदले वह कुछ और ले आये। तो क्या करेंगे। जाहिर है, भड़क उठेंगे। लेकिन इस रेस्त्रां में ऐसा होने पर भड़कना मना है। बल्कि आपको वही खाना पड़ेगा जो वेटर लायेगा। जी हां, इस अजीबो-गरीब रेस्त्रा का नाम है ‘रेस्टोरेंट ऑफ आर्डर मिस्टेक्स’।
रेस्टोरेंट ऑफ आर्डर मिस्टेक्स टोक्यो का बेहद चर्चित रेस्त्रां बन चुका है। क्योंकि यहां पर डिमेंशिया यानी भूलने की बीमारी का सामना कर रहे लोगों को वेटर की नौकरी दी जाती है। 2-4 जून तक यह रेस्त्रा ट्रायल पीरियड पर था। लेकिन अब यहां कस्टमर्स का आना जाना शुरू हो गया है। मजेदार बात यह है कि यह रेस्त्रां लोगों को खूब पसंद आ रहा है।
अपनी मर्जी का तो रोज खाते हैं कभी इन वेटर की मर्जी का भी खायें क्या पता आपको ज्यादा मजा आ जाये। कुल मिलाकर लोगों को ये डिमेंशिया जैसी मानसिक बीमारी के बारे में जागरुक करने में यह रेस्त्रां लगा हुआ है। देखते हैं यह भुलक्कड़ वेटरों वाला यह रेस्त्रां कितना सफल होगा। फिलहाल तो यह लोगों का दिल जमकर जीत रहा है। इस रेस्टोरेंट का कंसेप्ट भी है निराला टैक्सास का ‘हग्स कैफे’ भी बिल्कुल हटकर है। यहां के वेटर ही स्पेशल नहीं है बल्कि पूरा स्टाफ दूसरों से हटकर है।
इसके साथ ही यहां के लोगो का ये भी मानना है की अगर डाउन सिंड्रोम का सामना कर रहे लोगों को स्टाफ में रखा जाता है। डाउन सिंड्रोम यानी ऐसी मानसिक बीमारी जिसमें बुद्धि का विकास उम्र के मुकाबले धीरे-धीरे होते है। हालांकि इनकी मदद के लिये यहां दूसरे लोग भी मौजूद रहते हैं। कैफे के फाउंडर ने बताया कि ऐसे लोग अपने आपको नाकाबिल समझने लगते हैं। अलग थलग रहने लगते हैं। लेकिन सच तो यह है कि यह हमारा हिस्सा हैं, यह महसूस कराना हमारा काम है।
दरअसल इस रेस्त्रां का पहला मकसद डिमेंशिया यानी भूलने की बीमारी का सामना करने वाले लोगों को वेटर बनाकर ये एहसास दिलाना है कि ये भी समाज का हिस्सा हैं।