दुल्हन को विदा करा कर ले जाते वक्त दूल्हे ने दुल्हन के सामने रखी ऐसी मांग कि दुल्हन वापस लौट गई , उत्तरकाशी में मंगलवार को सात फेरों के साथ लिए गए सात वचन चंद घंटे में ही टूट गए और वैवाहिक जीवन शुरुआत से पहले ही दहेज की भेंट चढ़ गया। विवाह संपन्न होने के बाद लौटते समय आधे रास्ते में ही दूल्हे ने दुल्हन को दहेज के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया, तो दुल्हन ने साहस और समझदारी से निर्णय लेते हुए आधे रास्ते से ही लौटने में भलाई समझी।
दुल्हन ने सूचना अपने पिता को दी। इस पर उसके पिता गांव के कुछ लोगों को साथ लेकर डुंडा गए और अपनी आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए दलवीर को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हुआ। इस पर दुल्हन आधे रास्ते से ही अपने पिता के साथ वापस मायके आ गई। इस मामले में बुधवार को दुल्हन के पिता ने कोतवाली में तहरीर दी। दुल्हन के पिता ने बताया कि उनकी नौ बेटियां हैं, जिनमें से पांच की शादी हो गई है।
नतीजा दूल्हे को बिना दुल्हन के ही घर लौटना पड़ा। लड़की के पिता ने दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया है। उत्तरकाशी के निकटवर्ती एक गांव की युवती का विवाह मंगलवार को विश्वनाथ मंदिर में दलवीर बिष्ट पुत्र कुशहाल सिह निवासी ग्राम डुंडा के साथ हुआ। विवाह की रस्में पूरी होने के बाद विदाई हुई।
आरोप है कि डुंडा बाजार पहुंचने पर दूल्हे दलवीर बिष्ट ने दुल्हन से कहा कि तुम्हारे पिता ने न तो गाड़ी दी है और न ही सोने की चेन। वह अपने मनमुताबिक सामान न मिलने पर नाराजगी जताने लगा। इस पर दुल्हन को विदा करने के लिए साथ में गए चचेरे भाई व अन्य रिश्तेदारों ने दूल्हे को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माना और दहेज को लेकर दोनों पक्षों में बहस हो गई।