पटना में एक पक्षी ने संजय गांधी जैविक उद्यान के कर्मियों की नींद उड़ा दी। मकाव का जोड़ा चिडिय़ाघर से भाग गया, जिसमें एक तो पकड़ा गया, दूसरा चकमा दे रहा है। इसे जक्कनपुर में एक डॉक्टर की छत पर देखा गया, पर पकड़ में नहीं आ सका है। इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गई। इसके कारण जक्कपनुर में बिजली काटनी पड़ी।
अधिकारी उसकी सेहत को लेकर चिंतित हैं कि दो दिनों से खाया नहीं होगा। मकाव भोजन में प्रतिदिन सेब खाता है। गर्मी बढ़ी तो उसे तरबूज दिया जा रहा था। कई प्रकार की सब्जी, फल, चना और बादाम उसका आहार है। लू से बचाने के लिए उसे पानी में ग्लूकोज मिलाकर दिया जाता था। चिडिय़ाघर से बाहर की दुनिया उसके लिए खतरनाक हो सकती है।
आपको बता दे यह आस्ट्रेलियन पक्षी है। तोते की प्रजाति का है। इसकी चोंच लंबी और पूंछ लंबी होती है। हल्के रंग का होता है। यह सामान्य तोते से अलग होता है। इसका मामला कोर्ट में चल रहा है। दरअसल, इसे डेढ़ साल पहले भारत-नेपाल सीमा पर रक्सौल में जब्त किया गया। एक व्यक्ति ने इस पर दावा कर रखा है। मामला कोर्ट में है। मकाव को उसी समय से चिडिय़ाघर के संरक्षण में रखा गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत पांच लाख रुपये बताई जाती है।