आठवीं की छात्रा को एक नहीं दो नहीं बल्कि 125 लोगों ने बनाया हवस का शिकार  , पानीपत में देह व्यापार की दलदल से छूटी असम की किशोरी ने बताया कि उसके साथ डेढ़ महीने में सवा सौ से अधिक लोगों ने दुष्कर्म किया। वह अपने घर जाना चाहती है। किशोरी कक्षा आठ की छात्रा है। वह पानीपत में देह व्यापार कराने वाले गिरोह से छूटकर पानीपत बस स्टैंड पहुंच गई थी। वहां रोडवेज के एक कर्मचारी को सारी बात बताई तो उसने पुलिस को सूचना दी। किशोरी को सौंधापुर स्थित बाल अनाथालय में रखा गया है।

नाबालिग ने बताया कि स्कूल की छुट्टियां होने के कारण अपनी 20 वर्षीय सहेली जन्नत उल फिरदौस के साथ दिल्ली घूमने आई थी। पिता ने उसे ट्रेन का किराया और खर्च के लिए 1600 रुपये भी दिए थे। फिरदौस उसे दिल्ली के निहाल विहार निवासी राजू मामा के घर लेकर पहुंची और वहां छोड़कर चली गई।

अगले दिन राजू उसे दिल्ली रेलवे स्टेशन लेकर पहुंचा और 60 दिनों के लिए 15 हजार रुपये में आरती को बेच दिया। आरती वहां से उसे पानीपत के जाटल रोड, चौधरी अस्पताल के पीछे स्थित एक मकान में ले आई। यहां उससे दिन में घर का काम कराया जाता और रात को एक से तीन हजार रुपये में तीन-चार लोगों को सौंप दिया जाता। कई रईसजादे उसे महंगे होटलों में भी लेकर गए।

पीडि़त लड़की का कहना है कि कई पुलिसकर्मियों ने भी उसे हवस का शिकार बनाया। उसने बताया कि जिस दिन वह राजू के घर पहुंची तो वहां सात लड़कियां थीं। आरती के घर भी तीन लड़कियां रहती हैं। गलत काम से मना करने पर नरेंद्र उर्फ काला उसके साथ मारपीट करता था। शरीर में तेज दर्द होने पर उसे दवा खिलाई जाती थी।

किशोरी ने बताया कि रविवार सुबह नरेंद्र उर्फ काला ने उसे जमकर पीटा। आरती कहीं जाती तो उसे कमरे में लॉक कर देती। रविवार को वह लॉक करना भूल गई। मौका देखकर वह भाग निकली और बस स्टैंड पहुंची। वहां टिकटघर पर मदद मांगी तो एक कर्मचारी ने पुलिस को फोन कर दिया। कुछ देर बाद पुलिस पहुंची और अपने साथ ले गई।

पीडि़त लड़की से देह व्यापार कराने के आरोप में पुलिस ने आरती और किन्नर शुभम को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में आरोपी जितेंद्र वर्मा की गिरफ्तारी रविवार को ही हो गई थी। उसे पुलिस ने दो दिन के रिमांड पर लिया है। नरेंद्र उर्फ काला नाम का आरोपी अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर है।

 

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