प्रेमी के प्यार में पागल पत्नी ने पति को ही लगा दिया ठिकाने , करीब सवा दो माह बाद पुलिस ने चर्चित रंजीत हत्याकांड का खुलासा कर दिया। कातिल कोई और नहीं, बल्कि उसकी पत्नी ही निकली। फर्जी आइडी पर सिम खरीद रंजीत को फोन कर बुलाया और फिर गाड़ी में डाल प्रेमी की मदद से हत्या कर दी। हत्या में शामिल चार लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस ने घटना का खुलासा कर दिया। 12 जनवरी को मैनपुरी चौराहा निवासी देव सिंह के 20 वर्षीय पुत्र रंजीत को घर से बुला गोली मार हत्या कर दी और फिर शव एक खेत में फेंक दिया गया। अगले दिन शव मिलने के साथ ही सनसनी फैल गई। हत्यारे बेनकाब न होने से चिंतित परिवार भूख हड़ताल पर बैठा तो चुनाव बाद खुलासा का भरोसा दिया गया।
देव सिंह और उनके परिवार ने सपने में न सोचा था कि बेटे के हत्यारों में उसकी बहू रेनू ही शामिल होगी। शनिवार को पुलिस द्वारा हिरासत में लेने पर वह थाने उसके लिए भोजन लेकर पहुंच गए। वे भोजन दे रहे थे कि इंस्पेक्टर ने कहा जिसकी तुम इतनी चिंता कर रहे हो, वही तुम्हारे बेटे की कातिल है। यह सुनते ही उनके पैरों तले जमीन धसक गई। बहू से कहा, अगर तुझे वह पसंद नहीं था तो कहीं चली जाती, लेकिन हत्या कराकर क्या मिला। उन्होंने बताया बेटे की हत्या पर हर कोई आंसू बहा रहा था, लेकिन बहू खामोश बैठी रही। गिरफ्तारी के बाद भी उसे अपने किए पर पश्चाताप नहीं था। उन्होंने आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग की है।
एसएसपी अजय कुमार पांडे ने शिकोहाबाद थाने में पत्रकारों को बताया कि उत्तर के मुहल्ला टापाकला की रेनू की ननिहाल सिरसागंज के गांव सराय लुकमान में है। करीब डेढ़ साल पूर्व यहां भागवत कथा में ब्रजेश और रेनू की दोस्ती हुई और फिर नजदीकियां हो गईं। ब्रजेश ने ही पहले रंजीत से दोस्ती की और फिर उसकी शादी रेनू से करा दी। एसएसपी के अनुसार, शादी के बाद दोनों को जुदाई का अहसास हुआ और ढाई माह पूर्व रेनू के बहनोई एटा निवासी के यहां दोनों ने रंजीत की हत्या की योजना बनाई। ब्रजेश ने एक महिला की आइडी पर फर्जी सिम और नया मोबाइल फोन खरीदा। उसने अपने गांव के ही ईको कार चालक अनिल पुत्र ओमप्रकाश और सुशील उर्फ टिन्नी पुत्र भारत बघेल को भी अपनी योजना में शामिल कर लिया।
उन्होंने बताया कि रंजीत को फोन कर बुलाया और फिर ईको कार में बैठाकर मैनपुरी रोड की ओर ले गए। चलती कार में सुशील ने रंजीत के सिर में तमंचे की बटों से प्रहार कर हत्या कर दी और फिर शव बनीपुरा गांव के समीप खेत में फेंक दिया। इसके बाद सिम और मोबाइल तोड़ नहर में फेंक दिया। एसएसपी ने बताया हत्यारे शातिर थे, इसलिए गुत्थी सुलझाने में समय लगा। शक के आधार पर ईको कार चालक अनिल को हिरासत में लिया तो उसने सब कुछ उगल दिया। इसके बाद सुशील, ब्रजेश और रेनू को हिरासत में लेकर पूछताछ की और फिर हत्या का राज खुल गया। आरोपियों की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त तमंचा बरामद करते हुए ईको कार को भी कब्जे में ले लिया है। मुख्य आरोपी ब्रजेश के पिता सीआरपीएफ में जवान हैं। एसएसपी ने इंस्पेक्टर सोमपाल सैनी को प्रशस्ति पत्र देते हुए टीम को पांच हजार रुपये से पुरस्कृत किया है। टीम में एसआइ महेंद्र पाल ¨सह, प्रदीप कुमार, सिपाही राजेश यादव, मुकेश कुमार और विकास शामिल हैं।