खगोल वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक तारे को खोजा है जिसका नाम है केआईसी 8462852 और यह तारा पृथ्वी से 1480 प्रकाश वर्ष दूर है।
इस तारे की खोज से वैज्ञानिक काफी हैरान हैं क्योंकि इस तारे में प्रकाश का अनोखा उतार-चढ़ाव देखा गया है और विशेषज्ञ नहीं समझ पा रहे हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है।
येल यूनिवर्सिटी की एक खगोल वैज्ञानिक टबेथा बोयाजियान का कहना है कि हमने अभी तक ऐसा अनोखा तारा नहीं देखा था। पहले हमने सोचा कि डेटा में कुछ गड़बड़ी है, लेकिन बाद में हर चीज को बारीकी से जांचने के बाद बोयाजियान की टीम ने तारे की रोशनी में उतार-चढ़ाव का अनोखा पैटर्न पाया और इसके संभावित कारण खोजने की कोशिश की। पर्यवेक्षण के दौरान तारे की चमक में 20 प्रतिशत तक की कमी देखी गई। इस अजीबोगरीब प्रकाशीय पैटर्न की वजह से रिसर्चरों ने इस तारे को अनोखे तारे की श्रेणी में रखा। केप्लर स्पेस टेलिस्कोप ने करीब 1,50,000 तारों पर नजर दौड़ाई है, लेकिन उसे ऐसे अनोखे पैटर्न वाला और कोई और तारा नहीं दिखा।
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