संघीय ग्रैंड ज्यूरी ने भारतीय मूल के 29 वर्षीय व्यक्ति पर एक नाबालिग की यौनाचार से जुड़ी सामग्री बनाने यानी चाइल्ड पोर्नोग्राफी करने और उसे अपने पास रखने का अभियोग लगाया गया है।
अमेरिकी अटॉर्नी डेविड हिक्टन ने बताया कि पिट्सबर्ग के मुकेश खावास पर तीन आरोपों में अभियोग लगाया गया है। उसे एक नाबालिग की यौनाचार से जुड़ी सामग्री बनाने और अपने पास रखने (चाइल्ड पोर्नोग्राफी) के मामले में अधिकतम 20 साल की कैद और 7.65 लाख डॉलर के जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।
इसके अलावा मुकेश को रिहाई के दौरान जीवन भर निगरानी में रहना पड़ सकता है। अभियोग के अनुसार, खावास ने जानबूझकर एक नाबालिग के यौन उत्पीड़न की तस्वीरें बनाई और उन्हें अपने पास रखा।
इस अभियोग में आरोप लगाया गया है कि तस्वीरों में शामिल जिन नाबालिगों को कथित तौर पर यौन व्यवहार में लिप्त दिखाया गया है, उनमें से कुछ बच्चे तो 12 साल से भी कम उम्र के हैं।