नई दिल्ली: पूरे देश में मॉनसून पहुंच चुका है। देश के कई स्थानों पर बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त हो चला है। मॉनसून के आने से गर्मी से थोड़ी राहत लोगों को ज़रूर मिली है लेकिन इस बार का मॉनसून अच्छा होने की वजह से लोगों को मुसीबतें भी बढ़ सकती हैं।
मौसम विभाग ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून उत्तरी अरब सागर, कच्छ और पश्चिमी राजस्थान के शेष हिस्सों में पहुंच गया है। इस प्रकार यह बुधवार, 13 जुलाई को पूरे देश में पहुंच चुका है। आमतौर पर मानसून 15 जुलाई तक पूरे देश में पहुंचता है। यह लगातार दूसरा साल है, जब मानसून समय से 2 दिन पहले पूरे देश में पहुंच गया, लेकिन पिछले साल यह 26 जून को ही पूरे देश में सक्रिय हो चुका था।
विभाग ने बताया कि बुधवार सुबह समाप्त 24 घंटे के दौरान मध्य महाराष्ट्र में कुछ स्थानों पर बहुत भारी से भारी बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा गुजरात क्षेत्र, मध्यप्रदेश और पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी इलाकों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई है।
बुधवार को गुजरात में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, पश्चिमी मध्यप्रदेश, असम एवं मेघालय तथा पश्चिम बंगाल एवं सिक्किम के हिमालय के तराई वाले इलाकों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।
गुरुवार को हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में बहुत भारी बारिश के आसार हैं, वहीं जम्मू एवं कश्मीर, उत्तराखंड, हरियाणा, चंडीगढ़ एवं दिल्ली, अरुणाचल प्रदेश, असम एवं मेघालय, सौराष्ट्र एवं कच्छ, केरल तथा पश्चिम बंगाल एवं सिक्किम के तराई वाले इलाकों में भारी बारिश का अनुमान है।मौसम विभाग ने इस साल सामान्य से अधिक बारिश (106 प्रतिशत) की संभावना व्यक्त की है। उसका कहना है कि मानसून के बाद के चरण में ला नीना का असर रहेगा जिसमें ज्यादा बारिश होती है। उसने उत्तर-पश्चिम भारत में दीर्घावधि औसत का 108 प्रतिशत, मध्यभारत में 113 प्रतिशत, दक्षिणी प्रायद्वीप में 113 प्रतिशत तथा पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत में 94 प्रतिशत बारिश का अनुमान जताया है।